सुनील साहू की क्रूरता पूर्वक हत्या

31अगस्त व 1 सितम्बर की दरमियानी रात ग्राम नौशहरा थाना इटियाथोक जिला गोंडा उत्तर प्रदेश के निवासी सुनील साहू पिता स्वर्गीय सुखलाल जी साहू उम्र 30 वर्ष की उनके साथियों ने मिलकर क्रूरता पूर्वक हत्या कर दी सुनील साहू एक सामान्य परिवार का 30 वर्षीय युवक था वे स्कार्पियो वाहन चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण करता था उनके परिवार में उनकी 90 वर्षीय माता व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रूबी साहू उम्र 26 वर्ष व दो पुत्र 9 वर्ष 2 वर्ष है पिछले वर्ष उन्होंने अपना खेत अपने मित्रों को ही बेचा था और उसी राशि में से ₹200000 अपने मित्रों को उधार दिए थे जब वे अपनी राशि मित्रों से वापस मांग रहे थे तो तो उन्हीं मित्रों ने षड्यंत्र पूर्वक योजनाबद्ध तरीके से एक रात उनकी हत्या कर दी वह पुलिस से सांठगांठ कर लाश को लावारिस घोषित कराने का प्रयास कर रहे थे लेकिन कुछ गांव वालों की तत्परता से मामला रफा-दफा नहीं हो सका और सभी के संज्ञान में आ गया और ग्रामीण तक यह बात पहुंच गई कि साथ रहने वाले दुबे बन्धुओं ने सुनील साहू की हत्या कर दी है पर क्षेत्रीय विधायक जोगी भाजपा से ताल्लुक रखते हैं वह ब्राह्मण हैं उन्होंने अपने पद और जाति का प्रभाव दिखाते हुए मामले को रफा-दफा करने का पूरा प्रयास किया लेकिन मामला जब साहू समाज के संज्ञान में आया तो समाज में आक्रोश फैल गया जिसके परिणाम स्वरूप समाज ने विरोध प्रदर्शन प्रारंभ किया वह जिलाध्यक्ष श्रीराम साहू एडवोकेट के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ हुआ लेकिन इससे प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंगी क्योंकि हत्यारे ब्राह्मण जाति के थे और दबंग थे लेकिन जिलाध्यक्ष श्री राम साहू स्वयं एडवोकेट है इस वजह से इस पूरी कानूनी कार्रवाई को वे स्वयं देख रहे हैं परिणाम स्वरूप जिला कलेक्टर ने लाश को पुनः निकलवाकर पोस्टमार्टम की स्वीकृति प्रदान की मामला इतना संगीन होने के बावजूद भी स्थानीय साहू समाज के साथ किसी बड़े राष्ट्रीय संगठन का ना आना चिंता का विषय है जब संगठन कभी भी कोई कार्यक्रम करते हैं तो पथम व्यक्ति से लेकर अंतिम व्यक्ति तक की बात बड़े पुरजोर तरीके से अपनी लच्छेदार भाषणों में उठाते हैं लेकिन जब समाज के अंतिम व्यक्ति पर कोई विपदा आई तब वह लच्छेदार भाषण देने वाले समाज के सामाजिक संगठनों के नेता कहां नदारद हो गए यह एक चिंता का विषय है यहां पर हमें कथनी और करनी में अंतर साफ साफ नजर आ रहा है घटना को 25 दिन बीत जाने के बाद भी कोई भी राष्ट्रीय संगठन के पदाधिकारी ने उस परिवार की सुध लेने की इच्छा जाहिर नहीं की मृतक के परिवार में उसकी 26 वर्षीय विधवा पत्नी वह 90 वर्षीय माता के अलावा कोई नहीं है उसके दो पुत्र 9 वर्ष 2 वर्ष का जीवन यापन कैसे होगा उनकी शिक्षा कैसे होगी यह भी समाज के लिए एक विचारणीय प्रश्न है अभी तक जिलाध्यक्ष राम साहू के साथ श्री दिलीप साहू लखनऊ प्रदेश अध्यक्ष तेली महासभा उत्तर प्रदेश व श्री जय किशन साहू प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय तेली महा संगठन व कुछ समाज बंधु इस अभियान में परिवार के साथ खड़े हैं लेकिन जिस हिसाब से आज हमारे देश में जितने भी संगठन कार्य कर रहे हैं उन सबके जिलाध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष वह सभी पदाधिकारी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े हो जाएं तो परिवार को बहुत बड़ी हिम्मत मिलेगी लेकिन आपसी मतभेदों के कारण 25 दिनों में हम एक नहीं हो पाए यह हमारे लिए बड़े शर्म की बात है 20 करोड़ की आबादी का समाज ऐसे मुद्दों पर भी अगर राजनीति करेगा तो हम सामाजिक संगठनों से क्या उम्मीद करेंगे ? वर्तमान में जितने भी सामाजिक संगठन हैं उनका सेवा कार्य सिर्फ सामूहिक विवाह परिचय सम्मेलन या राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठकों के अलावा कुछ भी नहीं है शायद इन सबसे हटकर कभी संगठनों ने समाज के अंतिम व्यक्ति तक जाने का प्रयास किया होता तो शायद हमें यह दिन नहीं देखने पड़ते विगत 20/22 दिनों में Jo WhatsApp yuddh व फेसबुक पर पोस्ट पढ़ने को मिल रही है वह इस बात का संकेत है कि हमारे में कितना बिखराव है जो नहीं होना चाहिए सुनील साहू के हत्यारे जो कि ब्राह्मण वर्ग से आते हैं उनके समर्थन में गोंडा के ब्राह्मण वकीलों ने कोर्ट में हड़ताल तक की धमकी दे डाली यह उनकी सामाजिक सोच व संगठन शक्ति का प्रभाव है और हमें लड़ने से ही फुर्सत नहीं है 27 सितंबर शुक्रवार को लखनऊ में आयोजित धरना कार्यक्रम में अधिक से अधिक समाज बंधुओं को सम्मिलित होकर समाज की शक्ति दिखाना निहायत जरूरी है फेसबुक पर व्हाट्सएप पर बयानबाजी करना अलग बात है मैदानी शक्ति ही हमें न्याय दिला पाएगी वह इससे साहू समाज गोंडा वह जो लोग जो इस पूरे आंदोलन में तटस्थ हैं उनका मनोबल बढ़ेगा आइए मृतक सुनील साहू को न्याय दिलाने के लिए हम उसके साथ खड़े रहे हमें यहां भाजपा कांग्रेश सपा बसपा कुछ नहीं देखना है हमें सिर्फ साहू समाज को देखना है जय साहू समाज जय मां कर्मा