टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में #तीन दशकों से कुटिया बनाकर रहते हुए लमनी- छपरवा क्षेत्र में बैगा आदिवासियों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देकर उनके जीवन में उजियारा लाने अपना जीवन समर्पित करने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर प्रभुदत्त खेरा जी अब नहीं रहे!
सादगी,त्याग,संकल्प और नि:स्वार्थ सेवा की प्रतिमूर्ति डॉ० प्रभुदत्त खेरा जी को भावभीनी_श्रद्धांजलि...सादर नमन....
पूर्व प्रोफेसर प्रभुदत्त खेरा जी अब नहीं रहे!